New Delhi: केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह रविवार को राजस्थान के जोधपुर में सीमा सुरक्षा बल (BSF) के 60वें स्थापना दिवस समारोह परेड में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। इस अवसर पर केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत और सीमा सुरक्षा बल के महानिदेशक दलजीत सिंह चौधरी सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
अपने संबोधन में गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश के Security Scenario में बहुत बड़ा परिवर्तन आया है और इसमें हमारे BSF के जवानों का योगदान स्वर्णिम अक्षरों से लिखा जाएगा।उन्होंने कहा कि छह दशकों से साहस, शौर्य और बलिदान के बल पर ही सीमा सुरक्षा बल ने देश की फर्स्ट लाइन ऑफ डिफेंस को मज़बूत करने का काम किया है। बीएसएफ ने सीमा पर आने वाली सभी चुनौतियों का मुकाबला कर देश की सुरक्षा की प्रथम पंक्ति को सशक्त किया है। श्री शाह ने कहा कि 1 दिसंबर, 1965 से लेकर आज तक निरंतर देश की पूर्वी और पश्चिमी सीमा को सुरक्षित रखने का बीएसएफ का रिकॉर्ड शानदार रहा है।गृह मंत्री ने कहा कि बीएसएफ के 1992 जवानों ने देश की सुरक्षा के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया है जिसके लिए देश की जनता सदैव उनकी ऋणी रहेगी।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि छह दशकों से सीमा सुरक्षा बल ने हमारी सुरक्षा को चाक-चौबंद रखा है। देश की बढ़ती सुरक्षा ज़रूरतों को बीएसएफ के बिना पूरा करना असंभव है इसीलिए 25 बटालियन से शुरू हुआ ये बल आज 193 बटालियन तक पहुंच गया है। श्री शाह ने कहा कि 2 लाख 70 हज़ार जवानों की संख्या वाला ये विश्व का सबसे बड़ा सीमारक्षक बल है। उन्होंने कहा कि बीएसएफ ने 2024 में भी जाली मुद्रा, नारकोटिक्स, घुसपैठ और वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ लड़ने का अपना रिकॉर्ड अनेक अभियानों के माध्यम से बरकरार रखा है। उन्होंने कहा कि देश की प्रथम रक्षा पंक्ति के रूप में 1992 सीमा प्रहरियों ने अपने प्राणों की आहुति दी है और अब तक उनमें से 1330 जवानों को पदक दिए गए हैं। इनमें 1 महावीर चक्र, 6 कीर्ति चक्र, 13 वीर चक्र, 13 शौर्य चक्र, 56 सेना मैडल और 1241 पुलिस पदक शामिल हैं।